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सीएसआईआर – केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार,
मैसूरु - 570020

पीएमएफएमई के विषय में

उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है - आत्मनिर्भर भारत । इस संबंध में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने अनौपचारिक क्षेत्र में ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना की घोषणा की है, जिसके द्वारा लगभग 25 लाख उद्यमों को समर्थन प्रदान किया सकता है। हालांकि यह ऐसा क्षेत्र है जो सीमित आधुनिक प्रौद्योगिकियां, कौशल, गुणवत्ता, ब्रांडिंग की कमी और आपूर्ति शृंखलाओं से जुड़ने में अक्षमता आदि विभन्न कारणों से अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करता है। इन कठिनाइयों से उबरने के लिए कौशल-विकास, प्रौद्योगिकी, ऋण एवं बिक्री जैसे क्षेत्रों में उनकी सहायता करना और मूल्य शृंखला में भाग लेना आवश्यक है। यह योजना राज्य के उन स्वयं सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों के लिए लाभकारी होगी जो खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा रखते हैं।

इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नानुसार हैं

  • मौजूदा सूक्ष्म खाद्य उद्यमों, स्वयं सहायता समूहों, कृषक उत्पादक संगठनों और निगमों द्वारा सरलता से ऋण दिलाना
  • ब्रांडिंग और विपणन को मजबूत करके वर्तमान आपूर्ति शृंखला के साथ जोड़ना
  • मौजूदा 2 लाख उद्यमों को औपचारिक क्षेत्र में परिवर्तित करने में समर्थन देना
  • सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, प्रयोगशाला, गोदाम, पैकेजिंग, विपणन और इनक्यूबेशन सेवाएं जैसी सामान्य सेवाएँ प्रदान करना
  • खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुडे़ संस्थानों, अनुसंधान तथा प्रशिक्षण सुविधाओं को मजबूत करना
  • पेशेवर सेवाएँ और समर्थन प्रदान करना

इस योजना के अंतर्गत इनपुट की खरीद, आम सेवाओं का लाभ लेने और उत्पादों के विपणन के लाभ प्राप्त करने के लिए एक जिला एक उत्पाद (ODOP) दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इससे ODOP को क्लस्टर विकास सहित मूल्य शृंखला की अवसंरचना का उपयोग करने में सहायता मिलेगी। ODOP उत्पाद, शीघ्र सड़ने-गलने वाली उपज पर आधारित कृषि उत्पाद, अनाज आधारित उत्पाद या व्यापक रूप से जिले में उत्पादित खाद्य उत्पाद जैसे आम, रागी, ज्वार, मत्‍स्यिकी, हल्दी, शहद तथा कचरे से कमाई करनेवाले उत्पाद भी हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह योजना, अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण करनेवाले मौजूदा उद्यमों को भी सहायता प्रदान करेगी। हालांकि, नये उद्यमों को समर्थन केवल एक जिला एक उत्पाद तक ही सीमित किया जाएगा। व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमियों को परियोजना लागत के 35% पर, अधिकतम 10 लाख रुपये प्रति उद्यम, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

इस संबंध में सीएसआईआर-सीएफटीआरआई को कर्नाटक में इस योजना के कार्यान्वयन हेतु राज्य स्तरीय तकनीकी एजेंसी के रूप में चुना गया है।